1 जून से बदलने वाले हैं राशन कार्ड से जुड़े कई नियम, अब करना होगा इन रूल्स का पालन

1st जून से 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में महत्वाकांक्षी राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सेवा 'एक राष्ट्र-एक राशनकार्ड' को अमल में आ जाएगी. वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना (One Nation, One Ration Card) इस समय काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट भी केंद्र सरकार से कह चुका है कि वह 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना अपनाने की संभावना पर विचार करे. ताकि कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के दौरान पलायन करने वाले कामगारों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को रियायती दाम पर अनाज मिल सके. आइये आपको बताते हैं राशन कार्ड से जुड़ी सभी जरूरी बातें.

इस योजना के तहत पीडीएस के लाभार्थियों की पहचान उनके आधार कार्ड पर इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) डिवाइस से की जाएगी. इस योजना को पूरे देश में लागू करने के लिए सभी पीडीएस दुकानों पर पीओएस मशीनें लगाई जाएंगी. जैसे-जैसे राज्य पीडीएस दुकानों पर 100 फीसदी पीओएस मशीन की रिपोर्ट देंगे, वैसे-वैसे उन्हें 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' योजना में शामिल किया जाएगा.

पुराने कार्ड से कही भी मिलेगा राशन
इस योजना के लागू होने के बाद लाभार्थी देश के किसी भी हिस्से में किसी भी राशन डीलर से अपने कार्ड पर राशन ले सकेंगे. उन्हें न तो पुराना राशन कार्ड सरेंडर करना होगा और न ही नए जगह पर राशन कार्ड बनवाना पड़ेगा.

दो भाषाओं में जारी होगा राशन कार्ड
मानक राशन कार्ड दो भाषाओं में जारी करें. एक स्थानीय भाषा के साथ ही इसमें दूसरी भाषा हिन्दी अथवा अंग्रेजी का इस्तेमाल करें.
भारत का कोई भी नागरिक कर सकता है राशन कार्ड के लिए प्लाई
भारत का कोई भी कानूनी नागरिक इस राशन कार्ड के लिए अप्लाई कर सकता है. 18 साल से कम उम्र के बच्चों उनके माता-पिता के राशन कार्ड में जोड़ा जाएगा. इन राशन कार्ड धारकों को 5 किलो चावल 3 रुपए किलो की दर से और गेहूं 2 रुपए किलो की दर से मिलेगा.

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